पाठ 13 : जहाँ पहिया है
✨ पाठ का सार (सरल भाषा में)
यह पाठ समाज में बदलाव और बराबरी का संदेश देता है।
लेखक बताता है कि जब किसी समाज में पहिया (साइकिल) पहुँचती है,
तो लोगों—खासकर महिलाओं—की ज़िंदगी बदलने लगती है।
साइकिल आने से
लोगों की आवाजाही आसान होती है,
काम और शिक्षा तक पहुँच बढ़ती है
और आत्मनिर्भरता आती है।
जहाँ पहिया चलता है,
वहाँ रूढ़ियाँ टूटती हैं
और समाज आगे बढ़ता है।
लेखक का कहना है कि
तकनीक और साधन तभी सार्थक हैं
जब वे आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाएँ।
📝 प्रश्न–उत्तर (Question–Answer)
प्रश्न 1. ‘जहाँ पहिया है’ पाठ का मुख्य भाव क्या है?
उत्तर:
पाठ का मुख्य भाव समानता, आत्मनिर्भरता और सामाजिक बदलाव है।
प्रश्न 2. साइकिल समाज में क्या परिवर्तन लाती है?
उत्तर:
साइकिल से आवाजाही आसान होती है, शिक्षा और काम के अवसर बढ़ते हैं।
प्रश्न 3. पाठ में महिलाओं के जीवन में क्या बदलाव बताया गया है?
उत्तर:
साइकिल से महिलाएँ स्वतंत्र होती हैं और अपने निर्णय खुद ले पाती हैं।
प्रश्न 4. लेखक ‘पहिया’ को प्रतीक क्यों मानता है?
उत्तर:
क्योंकि पहिया प्रगति, गति और बदलाव का प्रतीक है।
प्रश्न 5. इस पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
हमें बराबरी, स्वतंत्रता और विकास के साधनों को अपनाना चाहिए।
✍️ शब्दार्थ
पहिया – प्रगति का प्रतीक
आत्मनिर्भरता – अपने बल पर काम करना
रूढ़ियाँ – पुरानी मान्यताएँ
समानता – बराबरी
परिवर्तन – बदलाव
✅ परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
साइकिल = सामाजिक बदलाव का साधन
महिलाओं की स्वतंत्रता पर जोर
विकास और समानता का संदेश
