पाठ 5 : चिट्ठियों की अनूठी दुनिया

पाठ का सार (सरल भाषा में)

इस पाठ में लेखक ने चिट्ठियों (पत्रों) के महत्व को बताया है।
आज भले ही मोबाइल और इंटरनेट का ज़माना है,
लेकिन पहले चिट्ठियाँ ही
लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने का
सबसे बड़ा साधन थीं।

चिट्ठियों में केवल खबरें नहीं होती थीं,
बल्कि भावनाएँ, अपनापन और प्रेम भी होता था।
एक चिट्ठी आने से
लोग घंटों खुश रहते थे
और बार-बार उसे पढ़ते थे।

लेखक बताता है कि
चिट्ठियाँ इतिहास का भी महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
महापुरुषों के पत्रों से
हमें उनके विचार और समय की जानकारी मिलती है।

यह पाठ सिखाता है कि
तकनीक चाहे जितनी आगे बढ़ जाए,
भावनाओं का महत्व कभी कम नहीं होता


📝 प्रश्न–उत्तर (Question–Answer)

प्रश्न 1. चिट्ठियों की दुनिया को ‘अनूठी’ क्यों कहा गया है?

उत्तर:
क्योंकि चिट्ठियों में भावनाएँ, अपनापन और प्रेम छिपा होता है, जो उन्हें विशेष बनाता है।


प्रश्न 2. पहले के समय में चिट्ठियों का क्या महत्व था?

उत्तर:
पहले चिट्ठियाँ ही दूर बैठे लोगों से संपर्क का मुख्य साधन थीं।


प्रश्न 3. चिट्ठियाँ लोगों को कैसे जोड़ती थीं?

उत्तर:
चिट्ठियाँ भावनाओं के माध्यम से लोगों के बीच अपनापन बनाए रखती थीं।


प्रश्न 4. लेखक ने इतिहास में चिट्ठियों का क्या महत्व बताया है?

उत्तर:
महापुरुषों की चिट्ठियों से उनके विचार और उस समय की स्थिति का पता चलता है।


प्रश्न 5. इस पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर:
हमें भावनाओं, संबंधों और अपनापन बनाए रखने का महत्व समझना चाहिए।


✍️ शब्दार्थ

  • चिट्ठी – पत्र

  • अनूठी – विशेष, अलग

  • भावनाएँ – मन के भाव

  • अपनापन – निकटता

  • इतिहास – बीते समय की जानकारी


परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • चिट्ठियाँ भावनाओं की वाहक होती हैं

  • पहले संपर्क का मुख्य साधन

  • इतिहास और संस्कृति से जुड़ाव

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