Class 6 Hindi – वसंत भाग 1 पाठ 4 : चाँद से थोड़ी-सी गप्पें

पाठ का सार (सरल भाषा में)

यह एक बाल कविता है।
कवि चाँद से बात करने की कल्पना करता है।
वह चाँद से पूछता है कि वह हर दिन क्यों
कभी गोल, कभी आधा और कभी पतला दिखाई देता है।

कवि को लगता है कि चाँद उससे छुपन–छुपाई खेल रहा है।
कभी पूरा दिखता है, कभी धीरे–धीरे घटता है
और कभी बिल्कुल पतला हो जाता है।

इस कविता में बच्चों की जिज्ञासा, कल्पनाशक्ति और सरल सोच दिखाई देती है।
कवि चाँद को दोस्त मानकर उससे गप्पें करता है।


📝 प्रश्न–उत्तर (Question–Answer)

प्रश्न 1. कवि चाँद से क्या बातें करता है?

उत्तर:
कवि चाँद से उसके घटने–बढ़ने और छुपने के बारे में बातें करता है।


प्रश्न 2. चाँद कभी बड़ा और कभी छोटा क्यों दिखाई देता है?

उत्तर:
चाँद पृथ्वी के चारों ओर घूमता है, इसलिए उसके अलग–अलग रूप दिखाई देते हैं।


प्रश्न 3. कवि को चाँद किसके जैसा लगता है?

उत्तर:
कवि को चाँद छुपन–छुपाई खेलने वाले बच्चे जैसा लगता है।


प्रश्न 4. कविता में चाँद को क्या कहा गया है?

उत्तर:
कविता में चाँद को दोस्त की तरह माना गया है।


प्रश्न 5. कविता का मुख्य भाव क्या है?

उत्तर:
कविता का मुख्य भाव बाल–मन की कल्पना और जिज्ञासा है।


✍️ शब्दार्थ

  • गप्पें – बातें

  • कल्पना – मन में चित्र बनाना

  • जिज्ञासा – जानने की इच्छा

  • छुपन–छुपाई – बच्चों का खेल


परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • कविता बाल–मन की सोच दिखाती है

  • चाँद को मित्र की तरह दिखाया गया है

  • कल्पना और जिज्ञासा प्रमुख भाव हैं

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