Class 6 Hindi – वसंत भाग 1 पाठ 14 : लोकगीत

पाठ का सार (सरल भाषा में)

लोकगीत वे गीत होते हैं जो आम लोगों द्वारा
अपने दैनिक जीवन, सुख–दुख, रीति–रिवाज और त्योहारों पर गाए जाते हैं।
ये गीत पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक रूप से चलते आते हैं।

लोकगीतों में गाँव की सादगी,
प्रकृति से जुड़ाव,
मेहनत, प्रेम और सामाजिक भावनाएँ झलकती हैं।
इन गीतों में किसी एक कवि का नाम नहीं होता,
क्योंकि इन्हें समूह में रचा और गाया जाता है।

लोकगीत हमारे देश की संस्कृति और परंपरा को जीवित रखते हैं।


📝 प्रश्न–उत्तर (Question–Answer)

प्रश्न 1. लोकगीत क्या होते हैं?

उत्तर:
जो गीत आम लोगों द्वारा अपने जीवन के अवसरों पर गाए जाते हैं, उन्हें लोकगीत कहते हैं।


प्रश्न 2. लोकगीत किस अवसर पर गाए जाते हैं?

उत्तर:
लोकगीत त्योहारों, विवाह, जन्म, खेती और अन्य सामाजिक अवसरों पर गाए जाते हैं।


प्रश्न 3. लोकगीतों की भाषा कैसी होती है?

उत्तर:
लोकगीतों की भाषा सरल, सहज और स्थानीय होती है।


प्रश्न 4. लोकगीतों के रचयिता का नाम क्यों नहीं होता?

उत्तर:
क्योंकि लोकगीत किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि समाज द्वारा रचे जाते हैं।


प्रश्न 5. लोकगीतों का क्या महत्व है?

उत्तर:
लोकगीत हमारी संस्कृति, परंपरा और सामाजिक जीवन को दर्शाते हैं।


✍️ शब्दार्थ

  • लोकगीत – जनता द्वारा गाए जाने वाले गीत

  • परंपरा – चली आ रही रीति

  • संस्कृति – रहन–सहन और रीति–रिवाज

  • मौखिक – बोलकर चलने वाला


परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • लोकगीत जनजीवन से जुड़े होते हैं

  • सरल भाषा और भावनाएँ

  • संस्कृति के संरक्षण का माध्यम

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