पाठ 4 : दीवानों की हस्ती
✨ पाठ का सार (सरल भाषा में)
यह एक प्रेरणादायक कविता है।
कवि उन लोगों को दीवाने कहता है
जो अपने लक्ष्य के लिए
सब कुछ दाँव पर लगाने को तैयार रहते हैं।
ये दीवाने
मुश्किलों से नहीं डरते,
न असफलता से घबराते हैं।
वे अपने सपनों, आदर्शों और देश/समाज के लिए
लगातार संघर्ष करते रहते हैं।
कवि बताता है कि
दुनिया में बड़ा बदलाव
इन्हीं दीवानों के कारण आता है।
जो लोग कुछ अलग करने की हिम्मत रखते हैं,
वही इतिहास बनाते हैं।
📝 प्रश्न–उत्तर (Question–Answer)
प्रश्न 1. ‘दीवानों की हस्ती’ कविता का मुख्य भाव क्या है?
उत्तर:
कविता का मुख्य भाव साहस, संघर्ष और लक्ष्य के प्रति समर्पण है।
प्रश्न 2. कवि ‘दीवाने’ किसे कहता है?
उत्तर:
जो लोग अपने लक्ष्य और आदर्शों के लिए हर कठिनाई सहते हैं, उन्हें कवि दीवाने कहता है।
प्रश्न 3. दीवाने कठिनाइयों से क्यों नहीं डरते?
उत्तर:
क्योंकि उन्हें अपने लक्ष्य पर पूरा विश्वास होता है।
प्रश्न 4. कविता के अनुसार दुनिया में परिवर्तन कैसे आता है?
उत्तर:
दुनिया में परिवर्तन साहसी और समर्पित लोगों के प्रयासों से आता है।
प्रश्न 5. इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
हमें अपने लक्ष्य के लिए साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
✍️ शब्दार्थ
दीवाना – लक्ष्य के लिए पूरी तरह समर्पित व्यक्ति
हस्ती – अस्तित्व, पहचान
संघर्ष – कठिन प्रयास
आदर्श – उच्च मूल्य
संकल्प – दृढ़ निश्चय
✅ परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
कविता प्रेरणादायक है
दीवाने = बदलाव लाने वाले लोग
साहस और समर्पण का संदेश
