पाठ 10 : कामचोर

पाठ का सार (सरल भाषा में)

यह एक व्यंग्यात्मक कहानी है।
कहानी में ऐसे बच्चों का वर्णन है जो
काम से बचने के बहाने ढूँढते रहते हैं।
जब घर में काम करने की बात आती है,
तो वे थकान, बीमारी या पढ़ाई का बहाना बना लेते हैं।

माँ चाहती है कि बच्चे
काम करना सीखें और
जिम्मेदारी समझें।
लेकिन बच्चे काम को बोझ समझते हैं।
कहानी के अंत में
यह बात स्पष्ट हो जाती है कि
काम से भागना सही नहीं,
बल्कि काम करना ही
मनुष्य को जिम्मेदार बनाता है।

यह पाठ हमें
परिश्रम, जिम्मेदारी और अनुशासन
का महत्व समझाता है।


📝 प्रश्न–उत्तर (Question–Answer)

प्रश्न 1. ‘कामचोर’ कहानी का मुख्य विषय क्या है?

उत्तर:
कहानी का मुख्य विषय काम से जी चुराने की आदत और उसकी आलोचना है।


प्रश्न 2. बच्चे काम क्यों नहीं करना चाहते थे?

उत्तर:
क्योंकि उन्हें काम करना कठिन लगता था और वे आराम पसंद करते थे।


प्रश्न 3. माँ बच्चों को क्या सिखाना चाहती थी?

उत्तर:
माँ बच्चों को मेहनत और जिम्मेदारी की आदत सिखाना चाहती थी।


प्रश्न 4. कहानी व्यंग्यात्मक क्यों है?

उत्तर:
क्योंकि बच्चों के बहाने मज़ेदार ढंग से दिखाए गए हैं, जिससे हँसी भी आती है और सीख भी मिलती है।


प्रश्न 5. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर:
हमें काम से नहीं डरना चाहिए और जिम्मेदारी से अपने कर्तव्य निभाने चाहिए।


✍️ शब्दार्थ

  • कामचोर – काम से भागने वाला

  • व्यंग्य – हँसी के माध्यम से सीख

  • जिम्मेदारी – उत्तरदायित्व

  • परिश्रम – मेहनत

  • बहाना – टालने का कारण


परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • कहानी व्यंग्यपूर्ण है

  • काम से बचने की आदत पर प्रहार

  • मेहनत और जिम्मेदारी का संदेश

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