Class 6 Hindi – वसंत भाग 1 पाठ 17 : साँस-साँस में बाँस

पाठ का सार (सरल भाषा में)

इस पाठ में लेखक ने बाँस के पौधे और उससे बनने वाली
विभिन्न वस्तुओं का वर्णन किया है।
बाँस बहुत तेज़ी से बढ़ने वाला पौधा है
और मानव जीवन से गहराई से जुड़ा हुआ है।

बाँस से—

  • घर

  • टोकरी

  • मछली पकड़ने के जाल

  • फर्नीचर

  • बाँसुरी

जैसी अनेक वस्तुएँ बनती हैं।
इसीलिए लेखक कहता है कि
मनुष्य की साँस-साँस में बाँस बसा हुआ है

यह पाठ हमें यह समझाता है कि
प्रकृति का हर पौधा हमारे लिए उपयोगी है
और हमें उसका संरक्षण करना चाहिए।


📝 प्रश्न–उत्तर (Question–Answer)

प्रश्न 1. ‘साँस-साँस में बाँस’ शीर्षक का क्या अर्थ है?

उत्तर:
इसका अर्थ है कि बाँस मानव जीवन से बहुत गहराई से जुड़ा हुआ है।


प्रश्न 2. बाँस से कौन-कौन सी वस्तुएँ बनती हैं?

उत्तर:
बाँस से घर, टोकरी, फर्नीचर, जाल और बाँसुरी बनती हैं।


प्रश्न 3. बाँस को उपयोगी पौधा क्यों कहा गया है?

उत्तर:
क्योंकि बाँस से दैनिक जीवन की अनेक उपयोगी वस्तुएँ बनती हैं।


प्रश्न 4. लेखक बाँस के बारे में क्या संदेश देना चाहता है?

उत्तर:
लेखक यह संदेश देना चाहता है कि हमें प्रकृति के पौधों का संरक्षण करना चाहिए।


प्रश्न 5. इस पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर:
हमें प्रकृति से जुड़े रहना और उसके संसाधनों का सही उपयोग करना चाहिए।


✍️ शब्दार्थ

  • साँस-साँस – जीवन के हर क्षण में

  • बाँस – एक उपयोगी पौधा

  • संरक्षण – रक्षा करना

  • उपयोगी – काम आने वाला


परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • बाँस मानव जीवन से जुड़ा है

  • बाँस बहुउपयोगी पौधा है

  • प्रकृति संरक्षण का संदेश

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