Class 6 Hindi – वसंत भाग 1 पाठ 8 : ऐसे-ऐसे
✨ पाठ का सार (सरल भाषा में)
यह पाठ हास्यपूर्ण है।
लेखक बच्चों की नटखट आदतों और
उनके बहाने बनाने के तरीके को मज़ेदार ढंग से बताता है।
बच्चे पढ़ाई या काम से बचने के लिए
कभी पेट दर्द, कभी सिर दर्द,
तो कभी कोई और बहाना बना लेते हैं।
लेखक यह दिखाता है कि
बच्चों के बहाने “ऐसे-ऐसे” होते हैं
कि सुनकर हँसी आ जाती है।
इस पाठ से यह भी समझ में आता है कि
बच्चों का मन बहुत चंचल और कल्पनाशील होता है।
📝 प्रश्न–उत्तर (Question–Answer)
प्रश्न 1. ‘ऐसे-ऐसे’ पाठ में किसका वर्णन है?
उत्तर:
इस पाठ में बच्चों की नटखट हरकतों और बहाने बनाने की आदतों का वर्णन है।
प्रश्न 2. बच्चे बहाने क्यों बनाते हैं?
उत्तर:
बच्चे पढ़ाई या काम से बचने के लिए बहाने बनाते हैं।
प्रश्न 3. लेखक ने पाठ को हास्यपूर्ण क्यों बनाया है?
उत्तर:
ताकि बच्चों की मासूम आदतों को मज़ेदार ढंग से दिखाया जा सके।
प्रश्न 4. पाठ का मुख्य भाव क्या है?
उत्तर:
पाठ का मुख्य भाव बाल-मन की चंचलता और हास्य है।
प्रश्न 5. इस पाठ से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:
हमें यह सीख मिलती है कि काम से बचने के बजाय
ईमानदारी से अपने कर्तव्य निभाने चाहिए।
✍️ शब्दार्थ
नटखट – शरारती
बहाना – टालने का कारण
हास्य – हँसी
चंचल – जल्दी-जल्दी बदलने वाला
✅ परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
पाठ हास्य से भरपूर है
बच्चों की आदतों का सजीव चित्रण
बाल-मन की कल्पनाशक्ति दिखाई देती है
