Class 7 Hindi – वसंत भाग 2 पाठ 17 : वीर कुँवर सिंह

पाठ का सार (सरल भाषा में)

यह पाठ वीर कुँवर सिंह के साहस, देशभक्ति और बलिदान पर आधारित है।
कुँवर सिंह 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के एक महान योद्धा थे।
वे बिहार के जगदीशपुर के ज़मींदार थे,
लेकिन देश की आज़ादी के लिए उन्होंने
अंग्रेजों के विरुद्ध हथियार उठा लिए।

बुढ़ापे और बीमारी के बावजूद
उन्होंने हार नहीं मानी।
उन्होंने अंग्रेज़ों को कई युद्धों में पराजित किया
और अंत तक देश के लिए संघर्ष करते रहे।

यह पाठ हमें सिखाता है कि
सच्चा देशभक्त उम्र या कमजोरी नहीं देखता,
वह केवल देश के लिए जीता और मरता है।


📝 प्रश्न–उत्तर (Question–Answer)

प्रश्न 1. वीर कुँवर सिंह कौन थे?

उत्तर:
वीर कुँवर सिंह 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के महान देशभक्त और योद्धा थे।


प्रश्न 2. वीर कुँवर सिंह कहाँ के रहने वाले थे?

उत्तर:
वे बिहार के जगदीशपुर के रहने वाले थे।


प्रश्न 3. वीर कुँवर सिंह ने अंग्रेजों के विरुद्ध क्यों युद्ध किया?

उत्तर:
उन्होंने देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए युद्ध किया।


प्रश्न 4. कुँवर सिंह की कौन-सी विशेषताएँ इस पाठ में दिखाई देती हैं?

उत्तर:
उनकी वीरता, साहस, दृढ़ निश्चय और देशभक्ति दिखाई देती है।


प्रश्न 5. इस पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर:
हमें देश के लिए साहस, त्याग और बलिदान की भावना रखनी चाहिए।


✍️ शब्दार्थ

  • वीर – बहादुर

  • देशभक्ति – देश से प्रेम

  • बलिदान – त्याग

  • स्वतंत्रता संग्राम – आज़ादी की लड़ाई

  • योद्धा – युद्ध करने वाला


परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के नायक

  • वृद्धावस्था में भी अद्भुत साहस

  • देशभक्ति की प्रेरणा

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