पाठ 1 : ध्वनि

पाठ का सार (सरल भाषा में)

यह एक कविता है जिसमें कवि ध्वनि के माध्यम से
आशा, चेतना और जागृति का भाव व्यक्त करता है।
कवि मानता है कि ध्वनि केवल सुनाई देने वाली आवाज़ नहीं,
बल्कि यह मनुष्य के भीतर नया उत्साह भरने वाली शक्ति है।

ध्वनि हमें सोई हुई चेतना से जगाती है,
हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है
और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती है।
कवि का संदेश है कि
हमें निराशा छोड़कर
आशा और कर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।


📝 प्रश्न–उत्तर (Question–Answer)

प्रश्न 1. ‘ध्वनि’ कविता का मुख्य भाव क्या है?

उत्तर:
कविता का मुख्य भाव आशा, जागृति और जीवन में उत्साह है।


प्रश्न 2. कवि ध्वनि को किस रूप में देखता है?

उत्तर:
कवि ध्वनि को चेतना जगाने और प्रेरणा देने वाली शक्ति के रूप में देखता है।


प्रश्न 3. ध्वनि मनुष्य के जीवन में क्या परिवर्तन लाती है?

उत्तर:
ध्वनि मनुष्य में नया जोश, साहस और सकारात्मक सोच लाती है।


प्रश्न 4. कविता में निराशा के स्थान पर किस पर बल दिया गया है?

उत्तर:
कविता में आशा, विश्वास और कर्म पर बल दिया गया है।


प्रश्न 5. इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर:
हमें निराश न होकर आशावादी बनना चाहिए और निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।


✍️ शब्दार्थ

  • ध्वनि – आवाज़

  • चेतना – जागरूकता

  • निराशा – हताशा

  • आशा – उम्मीद

  • उत्साह – जोश


परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • कविता प्रेरणादायक है

  • ध्वनि = जागृति का प्रतीक

  • सकारात्मक सोच और कर्म का संदेश

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